प्रकृति
प्रकृति
प्रकृति ने देखो हमें
दिया है अनोखा उपहार,
हर जगह हरियाली है
प्रकृति से मुझे है प्यार ।
कितने अमूल्य रत्न
समेटे है अपने अन्दर
इसकी अनोखी औषधियां
कर देती हैं जीवन अमर
सोचता हूं मैं रहूं हमेशा
घर से परे, गांव से बाहर ।
हर जगह हरियाली है
प्रकृति से मुझे है प्यार ।
इसकी शीतल वायु से
होती है ठंडक मन में
जाऊं किसी बगीचे में
या जाऊं किसी उपवन में
जहां अकेला मैं रहूं ,
और हो प्रकृति का दुलार
हर जगह हरियाली है
प्रकृति से मुझे है प्यार ।
गहरी नदी और गहरे नाले
इस धरती पर जीव निराले
देख कर इनकी विचित्र बातें
हम हो जाते हैं मतवाले
ऊंचे प्यारे पहाड़ों को देखें
मन लुभा लेते हैं यार ।
हर जगह हरियाली है
प्रकृति से मुझे है प्यार ।
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?नवल पाल प्रभाकर?