प्रकृति
ये हवा और ये रोशनी जब-जब आती है,
हमें अंधेरे से मुक्ति मिल जाती है।
ये बादल और ये काली घटा जब-जब बरसती है,
हमारी प्यास मिट जाती और हमें शीतलता का एहसास कराती हैं।
ये विभिन्न रंगों से रंगे हुए पर्ब और ये त्योहारें जब-जब आते हैं,
हमारी रंगत को दर्शाते हैं,हमारे जीवन में नए-नए रंग भर जाते हैं।
हमारा जीवन यूँ ही सुखमय बना रहे,इसके लिए हमें प्रकृति को संरक्षन प्रदान करना पड़ेगा।प्रकृति के क्षयन को रोकना पडेगा।
जिससे हमें प्राणवायु मिलती रहे,हंसी हमारे चेहरे की यूँ ही खिलती रहे।
अतः पेड़ लगाएँ,जीवन बचाएँ,जीवन को अति सरल बनाएँ।
_Nagendra Nath Mahto