प्रकृति की गोद में
सलिल ललित
प्रवाहित अविरल
लघु गिरि की
वो हरित ओट
ऊर्ध्व अम्बरी
निरख आभ
पुलकित अन्तर्मन
क्षण भर को
क्षण भर विस्मृत कर
क्लेश ताप
आ बैठ क्षणिक फिर
प्रकृति गोद
ले निकाल
कुछ अंतराल ।
अशोक सोनी
भिलाई ।
सलिल ललित
प्रवाहित अविरल
लघु गिरि की
वो हरित ओट
ऊर्ध्व अम्बरी
निरख आभ
पुलकित अन्तर्मन
क्षण भर को
क्षण भर विस्मृत कर
क्लेश ताप
आ बैठ क्षणिक फिर
प्रकृति गोद
ले निकाल
कुछ अंतराल ।
अशोक सोनी
भिलाई ।