प्यास बुझती है जहाँ
प्यास ज्ञान की हो
तो जीवन संवर जाता है
दौलत की प्यास में
आदमी भिखारी बन जाता है।
धनी बनने पर आमादा
तो गुरबत का भय सताती है
उड़ने का हुनर न हो तो
ऊंचाई आकाश की डराती है।
ज्ञान के भूख और प्यास से
आदमी निखर जाता है
अज्ञानियों का जीवन तो
बस एक मरीचिका होता है।
वैसे तो लालच हर चीज की
बेशक बुरी होती है
पर ज्ञान के लालच से मनुष्यता
की पहली शर्त पूरी होती है।
प्यास और लालच में फर्क
बस जान लो इतना है
प्यास की अपनी एक सीमा है
जबकि लालच अंतहीन होता है।
निर्मेष सामाजिक ज्ञान की
भूख मेरा आज भी दूनी है
किताबी ज्ञान में आँचल
मेरा आज भी सूनी है।