Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2021 · 1 min read

प्यास पहेली. चार वर्णों का नर l

प्यास पहेली.

चार वर्णों का नर l
पसीने से करे तर तर ll
प्रथम दो, सुंदरी l
अंतिम दो, कर्म भरी ll
उस परिसर में रम l
पाँच वी दे, हमदम ll
न समझा, धूलि में रम l
जब बल, क्यों गम ll
प्यास

Language: Hindi
217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दीपावली स्वर्णिम रथ है
दीपावली स्वर्णिम रथ है
Neelam Sharma
*Keep Going*
*Keep Going*
Poonam Matia
"हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3929.💐 *पूर्णिका* 💐
3929.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तेरी तसवीर को दिल में बसा रखा है
तेरी तसवीर को दिल में बसा रखा है
Jyoti Roshni
नफ़रत
नफ़रत
Sudhir srivastava
तुम रूबरू भी
तुम रूबरू भी
हिमांशु Kulshrestha
#कुत्ते
#कुत्ते
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कुंडलिनी
कुंडलिनी
Rambali Mishra
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
surenderpal vaidya
My Love
My Love
Arghyadeep Chakraborty
हरी दरस को प्यासे हैं नयन...
हरी दरस को प्यासे हैं नयन...
Jyoti Khari
दुनिया एक मुसाफिरखाना
दुनिया एक मुसाफिरखाना
Manoj Shrivastava
@@ पंजाब मेरा @@
@@ पंजाब मेरा @@
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
मेरा वजूद क्या है
मेरा वजूद क्या है
भरत कुमार सोलंकी
परिवर्तन
परिवर्तन
Khajan Singh Nain
माशूक मुहब्बत में...
माशूक मुहब्बत में...
आकाश महेशपुरी
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
- मोहब्बत सदा अमर रहती है -
- मोहब्बत सदा अमर रहती है -
bharat gehlot
राजनीति में फंसा राम
राजनीति में फंसा राम
Dr MusafiR BaithA
“त्याग वही है, जो कर के भी दिखाया न जाए, यदि हम किसी के लिए
“त्याग वही है, जो कर के भी दिखाया न जाए, यदि हम किसी के लिए
Ranjeet kumar patre
'आशिक़ी
'आशिक़ी
Shyam Sundar Subramanian
बच्चा हो बड़ा हो,रिश्ता हो परिवार हो ,पैसा हो करियर हो
बच्चा हो बड़ा हो,रिश्ता हो परिवार हो ,पैसा हो करियर हो
पूर्वार्थ
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
शुभारंभ करें
शुभारंभ करें
Namita Gupta
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर की ग़ज़लें
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर की ग़ज़लें
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
कभी आओ मेरे शहर में
कभी आओ मेरे शहर में
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आत्मा
आत्मा
Bodhisatva kastooriya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...