Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 · 1 min read

*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*

प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)
________________________
प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार
वन-उपवन सब कह उठे, धन्यवाद आभार
धन्यवाद आभार, बूॅंद जल-जीवन पाई
मिटी जगत की आग, तृप्त हो देह नहाई
कहते रवि कविराय, दूर यों हुई उदासी
व्याकुल थे सब जीव, जीभ सब की थी प्यासी
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

95 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शाम ढलते ही
शाम ढलते ही
Davina Amar Thakral
सभी फैसले अपने नहीं होते,
सभी फैसले अपने नहीं होते,
शेखर सिंह
जिंदगी कंही ठहरी सी
जिंदगी कंही ठहरी सी
A🇨🇭maanush
*पावन धरा*
*पावन धरा*
Rambali Mishra
कुछ बातें पुरानी
कुछ बातें पुरानी
PRATIK JANGID
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
चुनौतियाँ शहरों की
चुनौतियाँ शहरों की
Chitra Bisht
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
24/250. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/250. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
गृहिणी तू
गृहिणी तू
Seema gupta,Alwar
दुलरि ओ ,धिया जानकी
दुलरि ओ ,धिया जानकी
श्रीहर्ष आचार्य
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आज यानी 06 दिसंबर अर्थात 05 शताब्दीयो से भी ज्यादा लम्बे काल
आज यानी 06 दिसंबर अर्थात 05 शताब्दीयो से भी ज्यादा लम्बे काल
ललकार भारद्वाज
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
मन
मन
Harminder Kaur
मुस्कुराहटों के मूल्य
मुस्कुराहटों के मूल्य
Saraswati Bajpai
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ईष्र्या
ईष्र्या
Sûrëkhâ
"तुम्हारे नाम"
Lohit Tamta
"जर्दा"
Dr. Kishan tandon kranti
Dear myself,
Dear myself,
पूर्वार्थ
सदियों से कही-सुनी जा रही बातों को यथावत परोसने और पसंद करने
सदियों से कही-सुनी जा रही बातों को यथावत परोसने और पसंद करने
*प्रणय*
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
Loading...