प्यासा पानी जानता,.
@highlight
~पानी~
प्यासा पानी जानता, होती कैसी प्यास ।
लग जाती जब प्यास तो, आये ना कुछ रास।।१
पानी जग का मूल है,घर इसका पाताल।
जीवन रक्षा के लिए,बसा नदी औ ताल।।२
पानी बहुत अमोल है, यह जाने सब लोग।
पानी रक्षा सब करें, नही बढ़ेंगे रोग।।३
पानी बिन यह जग सखे,बन जाये शमशान।
एक पानी बचाव से ,जीवन हो आसान।।४
पानी का आभाव तो,रहा दिख सब ओर ।
बोतल -बोतल बिक रहा, इसमें भी है चोर।।५
पानी से यह जगत है,करो नही नुकसान।
इसे बचाओ तो सखे,खुश होते भगवान।।६
-‘प्यासा’