— प्यार —
प्यार कोई दिखावे की चीज नहीं
जो सब के सामने दिखाई जाये
प्यार कोई व्यापार की चीज नहीं
जो सरे बाज़ार बेचीं जाये
प्यार कोई हवस की चीज नहीं
जो नग्न होकर बताई जाये !!
प्यार दो दिलो का संगम है
जो मिलकर आगे बढ़ाई जाये
प्यार का मोल वो क्या जाने
जो बीच बाजार रुस्वाई पाये !!
प्यार आत्मा से होना ही प्यार है
जिस्म के प्यार को मिले रूलाई
चाहे रूखी सुखी खा के बिताये
और जो समझे पीर पराई
वो प्यार अनमोल है मेरे भाई !!
प्यार को मत तोल किसी तराजू में
यह तो बेमोल ही होता है रे भाई
जिस ने किया आत्मा से भरकर
उस का दर्द भी समझे राम रघुराई !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ