Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2021 · 1 min read

प्यार

खुले संदूक में
फरेबी रिश्तों का
झूठा प्यार
भर रखा है
मैंने
जो समय-असमय
मिलते रहे थे
ठगने के लिए
पूरी तरह से
ठगा गया था
मैं
इसलिए कि
भावना के वेग में
झट बह जाया करता था
मैं ‘इस्तेमाल’होता रहा
उनके द्वारा
जिनका कोई वजूद ही नहीं था
एक चेहरे पर
टिमटिमाते सौ-सौ चेहरे।
खुले संदूक में पड़े
नकली’दुलार’को
कोई नहीं पूछता
चाहता हूँ उसे देकर
एक रोटी ले लूँ
कोई नहीं चाहता
वो स्वार्थ के दलदल में धंसा प्यार
सब भाग जाते हैं
फिर बचता हूँ
मैं ही
अकेला
नक़ली प्यार पर
बिकता हुआ
लुटता हुआ सा
हाँ, मैं ही
सिर्फ मैं ही
लुटता हुआ,बिकता हुआ सा
अपनों के हाथों।
–अनिल कुमार मिश्र,

Language: Hindi
344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम और कृष्ण
राम और कृष्ण
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
ग़रीबी तो बचपन छीन लेती है
ग़रीबी तो बचपन छीन लेती है
नूरफातिमा खातून नूरी
लोग जाने किधर गये
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
गीतिका :- हमें सताने वाले
गीतिका :- हमें सताने वाले
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
Otteri Selvakumar
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
Shambhavi Johri
हनुमान जी के गदा
हनुमान जी के गदा
Santosh kumar Miri
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
AJAY AMITABH SUMAN
शादी के बाद भी अगर एक इंसान का अपने परिवार के प्रति अतिरेक ज
शादी के बाद भी अगर एक इंसान का अपने परिवार के प्रति अतिरेक ज
पूर्वार्थ
कौशल कविता का - कविता
कौशल कविता का - कविता
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मेरी भी सुनो
मेरी भी सुनो
भरत कुमार सोलंकी
4718.*पूर्णिका*
4718.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Dr.Priya Soni Khare
मानवता
मानवता
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आज तू नहीं मेरे साथ
आज तू नहीं मेरे साथ
हिमांशु Kulshrestha
मैं अशुद्ध बोलता हूं
मैं अशुद्ध बोलता हूं
Keshav kishor Kumar
किसी भी चीज़ की आशा में गँवा मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गँवा मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
Good night
Good night
*प्रणय*
नज़्म _ पिता आन है , शान है ।
नज़्म _ पिता आन है , शान है ।
Neelofar Khan
कमरा उदास था
कमरा उदास था
Shweta Soni
लोगो समझना चाहिए
लोगो समझना चाहिए
शेखर सिंह
*स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री राम कुमार बजाज*
*स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री राम कुमार बजाज*
Ravi Prakash
"उम्र"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा छंद भाग 2
दोहा छंद भाग 2
मधुसूदन गौतम
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
میرے اس دل میں ۔
میرے اس دل میں ۔
Dr fauzia Naseem shad
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
Loading...