प्यार
आदित्य देव जब खोलें पलक,तो होता जहाँ सवेरा है।
द्वेष ईर्ष्या का भी जहाँ,कोई होता नहीं बसेरा है।।
नफरत के शोले सुलग ना पायें, चाहें लाख भले कोई –
रहे दिलों में प्यार सभी के, हिन्दुस्तान वो मेरा है।
आदित्य देव जब खोलें पलक,तो होता जहाँ सवेरा है।
द्वेष ईर्ष्या का भी जहाँ,कोई होता नहीं बसेरा है।।
नफरत के शोले सुलग ना पायें, चाहें लाख भले कोई –
रहे दिलों में प्यार सभी के, हिन्दुस्तान वो मेरा है।