प्यार हो गया है
अब प्रेम फरवरी में व्यापार हो गया है!!
दे दो गुलाब गुड्डा बस प्यार हो गया है!!
“हग” डे मना रहे हैं फिर देंगे एक “कीस्सी”,
इक चॉकलेट में ही इक़रार हो गया है!!
हम भी बदल रहे हैं तुम भी बदल रहे हो,
इक कायदा पुराना बेकार हो गया है!!
आगाज़ इस सदी का कुछ यूँ हुआ है यारो,
संसार इश्क़ का अब बाज़ार हो गया है!!
हर चीज है बिकाऊ अब बिक रही मुहब्बत,
जिसने ज़मीर बेचा गुलज़ार हो गया है!!
हर मोड़ पर खड़े हैं अब जिस्म के शिकारी,
बेटी – बहू का जीना दुश्वार हो गया है!!
इक माँ के दोनों बच्चे अब हो गए हैं दुश्मन,
भाई में धन के ख़ातिर पैकार हो गया है!!
कब कौन ज़िंदगी में दे दे “कुमार” धोखा,
दिल इसलिए यहाँ अब बेदार हो गया है!!
© कुमार ठाकुर
09.02.2018