प्यार है (गीतिका)
प्यार है (गीतिका)
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(1)
प्यार का मतलब नहीं बस प्यार है
प्यार का भी एक कारोबार है
(2)
सिर्फ दिल की गुदगुदी काफी नहीं
प्यार का महँगा हुआ इजहार है
(3)
आ गया मौसम दुकानी प्यार का
चाकलेटों से सजा बाजार है
(4)
किसको किससे प्यार कितना आजकल
यह लिफाफे का बताता भार है
(5)
मिट सकेगा क्या रिवाज दहेज का
दे रही शादी में जब सरकार है
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रचयिता: रवि प्रकाश, बजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451