प्यार से बोल दो
आज दिल के सभी द्वार तुम खोल दो,
बोल मीठे कभी प्यार से बोल दो ।
रूठने से नहीं काम बनते सनम,
रंग उल्फ़त अभी संग तुम घोल दो ।
दीपक चौबे ‘अंजान’
आज दिल के सभी द्वार तुम खोल दो,
बोल मीठे कभी प्यार से बोल दो ।
रूठने से नहीं काम बनते सनम,
रंग उल्फ़त अभी संग तुम घोल दो ।
दीपक चौबे ‘अंजान’