प्यार से जो भरी नहीं होती
प्यार से जो भरी नहीं होती.
ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं होती.
कौन तितली के भागता पीछे,
वो अगर चुलबुली नहीं होती.
तुम सियासत से दूर ही रहना,
ये किसी की सगी नहीं होती.
गर मिलाते न तुम नज़र हमसे,
दिल में यूँ कुलबुली नहीं होती.
डूबना प्यार के समंदर में,
सच कहूँ दिल्लगी नहीं होती.
दिल से दिल गर मिला नहीं होता,
गाँठ मन की खुली नहीं होती.
रोज ग़म के किलों पे चढ़ना है,
यूँ ही तो शायरी नहीं होती.
प्यार करता है जानता वो ही,
बात वो जो कही नहीं होती.
हार जाता ‘बसंत’ दुनिया से,
साथ गर तू खड़ी नहीं होती.