प्यार सत्कार
प्यार सत्कार (हाइकु)
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प्यार-सत्कार
बन गया व्यापार
है आजकल
बढ़ रहा है
जिस्मफरोशी धंधा
देह व्यापार
लुप्त हो गई
अनुराग भावना
मन अन्दर
बज रहा है
नफरतों का घंटा
मन मन्दिर
जवान दिल
अय्याशी मशगूल
फीके संस्कार
लगते मेले
पार्कों में खुलेआम
प्रेमी-परिन्दे
देते हैं धोखा
पढ़ाई के बहाने
बाल-गोपाल
झूठे जज्बात
आघात-प्रतिघात
नव-विचार
झूठी कसमें
टूटें वादे-ईरादे
नूतन-प्यार
लांघते सीमा
सच्ची प्रेम दीवारें
टूटते द्वार
बन गया है
आजकल फैशन
दिल-बदलू
नहीं रहा है
राधा कृष्ण सा प्यार
विश्वासघात
लैला मजनू
हीर-रांझां से जोड़े
किस्से पुराने
सुखविन्द्र
यही है अफ़साने
नये जमाने
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)