प्यार मेरा खफ़ा ही रहता है।
गज़ल
2122……1212……22
प्यार मेरा खफ़ा ही रहता है।
दर्द दिल में बना ही रहता है।
प्यार में दर्द भी लगे प्यारा,
दर्द में भी मज़ा ही रहता है।
प्यार भी मय से कम नहीं यारो,
हर समय इक नशा ही रहता है।
प्यार में साथ हो न हो कोई,
प्यार खुद हमनवा ही रहता है।
प्यार पाना हो या कि देना हो,
दोनों में ही नफ़ा ही रहता है।
इश्क दोनों तरफ से होगा जब,
प्यार का सिलसिला ही रहता है।
प्रेम मरता नहीं कभी ‘प्रेमी’
प्यार दिल में बना ही रहता है।
……✍️ प्रेमी