प्यार में सवाल हज़ार
प्यार वो खूबसूरत एहसास है जिसका कोई सार नही है
प्यार में ना तो जन्म का बंधन है ना ही उम्र की सीमा है
प्यार कब किससे हो जाऐ इसका कोई अन्दाजा नही होता
और दिल तो वो घर है जिसमें कोई दरवाजा नहीं होता
कभी किसी की कोई बात अच्छी लग जाती है
तो कभी किसी की मुस्कान अच्छी लग जाती है
कभी किसी की आँखें मन को भा जाती है
तो कभी किसी की कोई हरकत अच्छी लग जाती है
कभी कोई ऐसा मिल जाता है कि उससें कुछ राबता सा लगता है
कुछ जुड़ा जुड़ा सा महसूस होता है
ऐसा लगता है कि दिल का कोई तार हिल गया है
और उसकी आवाज अलग ही गुंजती है जो कि बहुत ही अच्छी लगती है
इतनी अच्छी लगती है कि जब उसके साथ हो तो वक्त बह जाता है और इंतजार में ठहर जाता है।
जिन्दगी में कभी कभार कोई ऐसा मिल जाता है ना तो हमारा कोई रिश्ता होता है और ना ही उससे शादी होने वाली होती है पर ना जाने क्यूँ अपनापन सा महसूस होता है ये खूबसूरत एहसास उससे मिल कर या देखकर हो जाता है और हमें इतना अच्छा लगता है फिर भी हम उसे बताने से कतराते हैं
शायद इसलिए कि सवालों पर सवाल उठतें हैं
वो मेरे बारे में क्या सोचेंगें
वो तुम्हारे क्या लगतें हैं
हमारा मजहब क्या है
हमारी जाति क्या है
लोग क्या सोचें गें
इज्ज़त निलाम नही हो जाएगी
उम्र का लिहाज तो कर लिए होतें
वगैरा वगैरा…
बहुत से सवाल और हम इजहार नही कर पाते…