प्यार में तुम्हें ईश्वर बना लूँ, वह मैं नहीं हूँ
माना की प्यार करते हैं
हम तुम्हे दिलो जान से।
पर प्यार में खुद को मिटा दूँ ,
वो मैं नहीं हूँ,वो मैं नही हूँ।
मैंने तो कभी प्यार में ,
कोई शर्त न रखी।
प्यार तेरे शर्तो पर कँरू
वो मैं नहीं हूँ! वो मैं नही हूँ!
रिशतों में कई बार हमारे
गिले-शिकवे आते रहे।
पर हर बात – बात पर यह जताती रहूँ ,
वो मैं नही हूँ! वो मैं नही हूँ!
माना कि प्यार को लेकर कभी
तुमसे शिकायत नहीं करती हूँ।
पर तुम्हारें नफरत को स्वीकार कर लूं
वो मैं नही हूँ ! वो मैं नही हूँ!
प्यार भले थोड़ा कम मिले
इस बात का गिला नही है मुझे।
पर प्यार मे हमें दगा मिले और वह सह लूँ।
वो मैं नहीं हूँ! वो मैं नही हूँ!
माना कि तेरे प्यार में किसी बात को
इनकार नहीं कर पाती हूँ।
पर तेरी हर बात मान लूँ,
वो मैं नही हूँ ,वो मैं नही हूँ।
माना कि तुम बहुत कुछ
हो मेरे जीवन में।
पर प्यार में ईश्वर तुम्हे बना लू,
वो मैं नहीं हूँ ,वो मै नही हूँ।
माना कि तेरा सपना
मेरा भी सपना हैं।
पर अपने सपनों को भूला दूँ ,
वो मैं नही हूँ ! वो मैं नही हूँ!
~अनामिका