प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
प्यार फ़ूलों के जैसे महकाना सनम,
मुकद्दर से आगे प्रीत अपनी बढ़े
मैं जब तक जिऊं साथ निभाना सनम।
– लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा।
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
प्यार फ़ूलों के जैसे महकाना सनम,
मुकद्दर से आगे प्रीत अपनी बढ़े
मैं जब तक जिऊं साथ निभाना सनम।
– लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा।