Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2022 · 1 min read

प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।

प्यार किया है जी भर कर तुमसे,
प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।

दर्द भरा है दिल में मेरे,
मैं प्यार तुम्हीं से करता हूँ,
याद तुम्हीं को करता हूँ,
दिल में बना दूँ महल तेरा।

प्यार किया है जी भर कर तुमसे,
प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।…..(1)

नैनो मेंं तुम जो बस गये हो,
आँसू बन के बह न जाना,
बोझ ये मन का सह न सकूँ,
बिन प्यार किये तुम्हे रह न सकूँ।

प्यार किया है जी भर कर तुमसे,
प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।…..(2)

जीता हूँ तेरी यादों में,
ओठों में लेके नाम सदा,
तुम न मिले इस दुनिया में,
खुद की पहचान मिटा दूँगा।

प्यार किया है जी भर कर तुमसे,
प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।…..(3)

रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश
मौदहा
हमीरपुर ।

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 2 Comments · 192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
Jo Apna Nahin 💔💔
Jo Apna Nahin 💔💔
Yash mehra
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
"डूबना"
Dr. Kishan tandon kranti
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
Praveen Sain
प्रिये का जन्म दिन
प्रिये का जन्म दिन
विजय कुमार अग्रवाल
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
डी. के. निवातिया
बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग)
बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
........,!
........,!
शेखर सिंह
हरि लापता है, ख़ुदा लापता है
हरि लापता है, ख़ुदा लापता है
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
*अहं ब्रह्म अस्मि*
*अहं ब्रह्म अस्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दिल में
दिल में
Dr fauzia Naseem shad
वो भी तन्हा रहता है
वो भी तन्हा रहता है
'अशांत' शेखर
मेरे कान्हा
मेरे कान्हा
umesh mehra
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
*प्रबल हैं भाव भक्तों के, प्रभु-दर्शन जो आते हैं (मुक्तक )*
*प्रबल हैं भाव भक्तों के, प्रभु-दर्शन जो आते हैं (मुक्तक )*
Ravi Prakash
ओम के दोहे
ओम के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
💐अज्ञात के प्रति-141💐
💐अज्ञात के प्रति-141💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ईश्वर है
ईश्वर है
साहिल
अपनाना है तो इन्हे अपना
अपनाना है तो इन्हे अपना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नींद
नींद
Kanchan Khanna
2287.
2287.
Dr.Khedu Bharti
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल   के जलेंगे
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल के जलेंगे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
Shashi kala vyas
मां बाप के प्यार जैसा  कहीं कुछ और नहीं,
मां बाप के प्यार जैसा कहीं कुछ और नहीं,
Satish Srijan
वाचाल पौधा।
वाचाल पौधा।
Rj Anand Prajapati
समझौता
समझौता
Sangeeta Beniwal
कभी गिरने नहीं देती
कभी गिरने नहीं देती
shabina. Naaz
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
Loading...