प्यार क्या है
जीवन साँसों के बिना नही चल सकता
जिंदगी प्यार के बिना नही चल सकती
प्यार क्या है
प्यार दिल की धड़कन है
प्यार भंवरे का गुंजन है
प्यार तपती धरती पे बादल की बूँदे है
प्यार जैसे कोई तपस्वी आँखे मूंदे है
प्यार फूल पे मंडराती तितलियां है
प्यार घर मे आँगन मे खेलती नन्ही गुड़िया है
प्यार मासूम बच्चे की किलकारी है
प्यार फूलोँ से सजी क्यारी है
प्यार मंदिर मे जलता हुआ दीया है
प्यार दिल से निकली हुई दुआ है
प्यार माँ का फैला हुआ आँचल है
प्यार पिता की आँखों मे बच्चे का कल है
प्यार बहन और भाई की मीठी तकरार है
प्यार ही सभी रिश्तो का आधार है
प्यार पत्नी के हाथों मे सजी मेहंदी है
प्यार सुहागन के माथे की बिंदी है
प्यार वतन के मिट्टी की खुशबु है
प्यार सैनिक की देश पे मिटने की आरजू है
प्यार नदियों का अविरल बहना है
प्यार धरती का सब कुछ चुपचाप सहना है
प्यार विधवा के आँखों का सूनापन है
प्यार किसी के विरह मे सूना आंगन है
प्यार सुबह खिली हुई सर्दी की धूप है
प्यार नन्ही कली का खिलता हुआ रूप है
प्यार खेत मे लहलहाती हुई फसल है
प्यार ग़रीब के सपने मे पलता कल है
प्यार मजदूर के पसीने की गाडी कमाई है
प्यार पिता के हाथों बेटी की विदाई है
प्यार ही गीता का अमर ज्ञान है
प्यार बुद्ध और महावीर का ध्यान है
प्यार किसी कवि की कविता है
प्यार सागर मे मिलती सरिता है
इस ढाई अक्षर मे सब कुछ समाया है
जिसने इसे समझ उस ही जीना आया है
दीपाली कालरा