प्यार को प्यार ही रहने दो ( प्रेम दिवस पर विशेष )
प्यार को प्यार ही रहने दो ,
प्यार को कोई नाम न दो ।
प्यार खुदा ,प्यार ही भगवान,
प्यार को एक पुजा ही रहने दो ।
प्यार जन्नत का खुशनुमा फूल ,
कागज़ के फूल इसे न बनने दो ।
प्यार का भौतिकता से क्या वास्ता !
प्यार का रूहानी स्वरूप ही रहने दो ।
प्यार ही इंसान को देवता बनाता है,
शर्त बस इतनी खुदी को बुलंद कर दो ।
प्यार तो एक कीमती हीरा है दोस्तों !
संभाल सकते होतो दिल में जगह दो ।
प्यार मांगे त्याग,सब्र और विवेक ,
वो अगर परीक्षा भी लेना चाहे तो दो ।
प्यार के बिना जहां का कोई वजूद नहीं,
कण कण में,हर जीव में है सभी को बाँट दो ।
प्यार चाहे किसी को भी दो ,मगर याद रहे ,
इंसा ,प्रकृति या भगवान ,पूरे ईमान से दो ।
प्यार को प्यार ही रहने दो न दो कोई नाम ,
भावो इस पवित्र गंगा को अविरल बहने दो।