प्यार को प्यार दिलाया जाये
प्यार को प्यार दिलाया जाये
इस तरह क़र्ज़ चुकाया जाये
नाँव कागज़ की बना कर उसमें
मन है बचपन को घुमाया जाये
कैसे खामोश लबों को रख
राज नैनों से छिपाया जाये
दूर तक साथ चला करता है
रिश्ता गर दिल से निभाया जाये
मार कर दिल नहीं मिलती खुशियाँ
क्यों बिना बात दबाया जाये
अर्चना वक़्त मिला जो हमको
मौज से क्यों न बिताया जाये
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद