प्यार के साथी…
कुंडलिया-छंद
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प्यार में तप अनेक है, करके रहिये संग।
ज्योति तमस व शोक खुशी,सबमें जीते जंग।
सबमें जीते जंग, जहाँ में रस बरसावे।
अरि अधरन का रंग, उर प्रीत से भर जावे।
जाति पांति न देखो, अगर मिले अच्छा यार।
ऊँच-नीच छोड़ि के, करना तुम सच्चा प्यार।
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????? ?????? ,????????? 14.05.21
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