प्यार के लम्हें
प्यार के लम्हें
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वर्षो पहले संग संग आना,
याद आता है गुजरा जमाना।
मिलकर अथाह प्यार देना,
वसंत सा सँवार देना ।
प्रथम मिलन उमंग में,
निहाल प्राण वार देना।
मृदुल अधर सुधा पिला,
पवित्र प्रेम धार देना।
कलियों की तरह चहकके,
सावन सा व्यवहार देना।
मचलता बादल सा देख हमें,
धरा सा खुद सँवार लेना।
रिमझिम प्यार की बूंद लिए,
चांदनी रातों में उपकार देना।
याद हैं वो प्यार के लम्हें,
ऋतुराज सा दुलार देना।
◆◆अशोक शर्मा, कुशीनगर, उ.प्र◆◆
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