प्यार की लौ
प्यार की लौ तुम जगाए रखना।
दुश्वारियों के तुम भुलाए रखना।
बहुत ग़म मिलेंगे,जीवन की राह में
तू खुद को इन से ,बचाए रखना।
चले हो सफ़र पे ,तो धूप भी होगी
लहज़े की छांव ,तुम बनाए रखना।
बड़ी कड़वी होगी हकीकतें जहां की
बोली मीठी जुबां पर तू लाए रखना
उम्मीद किसी सी भी कोई न धरना
बस दीया इबादत का जलाए रखना।
सुरिंदर कौर