√√*प्यार की यह ऋतु वसंती ( भक्ति- गीत)*
प्यार की यह ऋतु वसंती ( भक्ति- गीत)
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प्यार की यह ऋतु वसंती हाथ से जाने न पाए
(1)
जन्म-जन्मों का अधूरा प्यार ,मन की कामना
आज फिर तैयार है ,अपना नियति से सामना
काश दिल मेरा-तुम्हारा गीत मिलकर गुनगुनाए
(2)
बोल पाए हैं अधर कब, बस हताशा ही रही
हो सफल यह जन्म जाए, सिर्फ आशा ही रही
आज सदियों बाद फिर से, हम मिलन की आस लाए
(3)
यह नशीला आज मौसम, गंध जादू की लड़ी
किंतु जाने कौन-सी दीवार है अब भी खड़ी
धुन वही छेड़ो जिसे सुनकर पुरानी याद आए
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451