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4 Feb 2021 · 1 min read

प्यार की भाषा

तुम्हें लगता है मैं, इंग्लिश-हिंदी अच्छी बोलता हूँ ।
कुछ नही मैं वस अपनी जरूरत बोलता हूँ ।।

तुम खुश हो मेरी जुवान को, अपने झुण्ड से जोड़कर ।
मगर मैं तुम्हारे लिए नही, अपने लिए बोलता हूँ ।।

छोटी-बड़ी या बड़ी-छोटी जुवान का मसला ही नही ।
तुम्हें समझाने के लिए, मैं तुम्हारी जुवान बोलता हूँ ।।

गाँव-शहर, अनपढ़-पढ़ेलिखे के अल्फ़ाज़ नही ।
तुम्हारे दिल में जो उतरे, मैं वही भाषा बोलता हूँ ।।

उधेड़ बुन का झंझट नही ना तुम्हारी नाराजगी की परवाह ।
तुम्हें अच्छा लगे ना लगे, मैं गुलामी की भाषा नही बोलता हूँ ।।

ध्यान दो मेरी जरूरत पर, मेरी भाषा पर नही ।
पूरी करो मेरी जरूरत, मैं तुमसे जो बोलता हूँ ।।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 375 Views
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