प्यार की बात जब से कही है
प्यार बात जब से कही है
*********गजल********
बह्र :-2122122122
*काफ़िया :- सही-रदीफ़ – है
**********************
यार दिलदार पीड़ा सही है,
प्यार की बात जब से कही है।
आप मुझको सदा हो रुलाते,
इस कदर यूँ रुलाना सही है।
कान सुनना यही चाहते हैं,
बात दिल की बताना नहीं है।
कौन दिल की दवाई करेगा,
प्रेम की बन्द लगती बही है।
दूध सी श्वेत आत्मा चमकती,
प्रेम की खूब निकली दही है।
चाँद भी बादलों में समाया,
चाँदनी चन्द्र की आ रही है।
यार सीरत यहाँ रोज रोता,
साथ ही रो पड़ी भी मही है।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)