प्यार की तलाश में.!
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हर जिन्दगी का एक सफर है,
जो जिन्दगी को तय करना है!
मैं भी एक मुसाफिर हूं।
प्यार बांटता हूं और प्यार लेता हूं-
मैं प्यार का एक फकीर हूं।
इस जिन्दगी के सफर में!
तेरी यादों को साथ लिए–
इस दुनिया की भीड़ में!
मैं अकेला एक मुसाफिर हूं।
जो अपने प्यार की तलाश में!
इधर से उधर भटक रहा हू!
मैं प्यार का एक फकीर हूं।
दिल में प्यार के साज
शांत पड़े है तब से!
जब से तुम! रूठ गए हमसे।
न जाने कहां खो गए तुम!
इस दुनिया की भीड़ में!
क्यों नाता तोड़ गए हमसे।
अब तो थक चुका हूं- मैं!
इस जिन्दगी के सफर से।
अब आ जाओ! मेरी संगिनी,
मेरा संगीत बनकर तुम!
दो दिलों के साज छेड़ेंगे हम!
तुम नाता जोड़ लो हमसफर से।
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल
===*उज्जैन*{मध्यप्रदेश}*===
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