प्यार की गरमाई से दिल तो पिघलना चाहिये–आर के रस्तोगी
प्यार की गरमाई से दिल तो पिघलना चाहिये
हुआ है जब प्यार तुमसे,मन तो मचलना चाहिये
छट जायेगी आसमान से,जब घिरी काली बदलियाँ
एक आशा की किरण,दिल में तो मचलनी चाहिए
प्यार के कोयले जब दहके हो,कुछ तो होना चाहिये
जब दोनों तरफ आग लगी हो,प्यार उबलना चाहिये
सिर्फ परवाने ही जले, यह तो बड़ा अन्याय है
साथ उनके मोमबत्ती को भी पिघलना चाहिये
जब कभी देखती है हमको,रास्ता बदल देती है
ऐसी हरकते देख कर,गुस्सा तो उबलना चाहये
फूल खिले,तितली उडे,और भवरों की टोली मिले
रस्तोगी के दिल का ऐसा गुलशन महकना चाहिये
आर के रस्तोगी