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14 Feb 2021 · 1 min read

प्यार का बँटवारा

प्यार का बँटवारा
मैंने प्यार को बँटते देखा है।

स्वयं को किसी दूसरे की नजरों में छटते देखा है।

अपनी शराफ़त का लुफ़्त उठते देखा है।

हमें अपना प्यार दिखा कर••

किसी ओर की तरफ रुख करते देखा है।

शिकवा उससे नहीं है,क्योंकि पता है वह तो बेवफ़ा ही था शुरु से !!

मैंने स्वयं को उसकी नजरों से धुएँ के बदल की तरह छटते देखा है।

अब तो लगता है कि हमारा उनके पास से जाना भी उनकी नजरों में खटकता हैं ।

परेशा तो हूँ !! अपनी गलती की वजह से••

पर !! तसल्ली भी है।

मैंने खुद को खुद से ही संभलते देखा है।

भूल पाना तो मुमकिन नहीं है शायद••

पर उसके गम को ………..

अपने हाथों से कागज पर संभलते देखा है।
आभार
रजनी कपूर

कागज पर संभलते देखना का अर्थ -कविता बनाकर लिखना

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 529 Views
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