प्यार कभी यूं छिपाते नहीं
प्यार कभी यूं छिपाते नहीं
पर राजे दिल भी सबको बताते नहीं
तुम्हारी पनाह में रहे दिन भर
पर रातों को यूं अब सताते नहीं
मिल ही जाएगी मंजिल हमको
हमराह को अपने हम भुलाते नहीं
तुझ संग हो मिलन की बातें सभी
जुदाई के चर्चे किसी को सुनाते नहीं
सितारें तेरी मांग में भर दूं आजा
किसी और को दुल्हन हम बनाते नहीं
हम तुम मिले तो मिले दो जहां
हीरे चांदी अब हमको लुभाते नहीं