प्यारे पापा
भूधर एक पिता के आनुषंगिक है,
जिस प्रतिवर्णिक भूधर उत्तर से,
आने वाली ठंडी हवाओं से,
करते हमारी रक्षा है।
पिता भी इसी प्रतिवर्णिक,
हमें संकट में फँसा अंबक,
भूधर के आनुषंगिक संकट से लड़,
करते हमारी रक्षा है।
जो बढ़ाते हमारा प्रोत्साहन है,
जो करते सदैव हमारा मार्गदर्शन है,
हमारी खुशी में ही,
जिनकी खुशी अज्ञात होती है,
वो है हमारे प्यारे पापा।
जिनके धौंस से लगता हमें मंदा है,
पर वह चाहते हमारा अपैशुन है,
उनके धौंस का अभिप्राय,
हमेशा हमें आगे बढ़ाना है,
वो है हमारे प्यारे पापा।
लेखक :- उत्सव कुमार आर्या
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार