*प्यारे चमचे चाहिए, नेताजी को चार (हास्य कुंडलिया)*
प्यारे चमचे चाहिए, नेताजी को चार (हास्य कुंडलिया)
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प्यारे चमचे चाहिए, नेताजी को चार
हाथ उठाकर जो दिखें, करते जय-जयकार
करते जय-जयकार, सदा हॉं-जी-हॉं बोलें
झुका-झुका कर शीश, सर्वदा मुख को खोलें
कहते रवि कविराय, उच्च पद पाते सारे
बनते दायॉं हाथ, लगाते मक्खन प्यारे
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451