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4 Sep 2024 · 1 min read

प्यारी सुबह

प्यारी सुबह
हे प्यारी सुबह
तुम कितनी प्यारी हो
शीतल पवन कोयल की कूक
सब मानव में प्राणशक्ति ऑक्सीजन फूंक

सुबह की लालिमा अतिसुंदर
चहलकदमी करते बंदर
सोते रह जाता है आदमी घर के अंदर।
मोंगरा रातरानी महके अतिसुंदर।

झिंगुरा करे शिप शिप
गोलू की आंखे चिप चिप
जल की बूंदे सींच- सींच
प्राणायाम करो सांसे खींच

चाय गरम सूप गरम
नाश्ता कर लो गरमागरम
समाचार पढ़ लो
न्यूज देख लो ये है हमारी करम
सुबह है जगना- जगाना
ये है हमारी धरम।
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
कविराज
रायपुर छत्तीसगढ़

Language: Hindi
75 Views

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