प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
चाहे कोई भी दर्द हो या आंखों से बहता पानी।
तुझसे इश्क करके ऐसा लगता था मुझे
जैसे तू एक राजा है और मैं तेरी रानी।
पर अब तो समझ आ गया कि कहां
सच होती है परियों की कहानी।
शायद कमी थी मेरे प्यार में,
या हमें ही न आई मोहब्बत निभानी।
लोग कहते हैं कि ये कैसा है पागलपन,
उफ्फ है ये कैसी नासमझी ये कैसी नादानी।