प्यारी बहना जन्मदिन की बधाई
सोमवार का दिन था ,जब मैं छोटा बच्चा था।
मम्मी भी अस्पताल में थी, क्योंकि उनके पेट में बच्चा था।
पेट फुला के गई थी मम्मी, मुंह फुला के आई थी।
मेरे लिए हाथ में एक, छोटी ताड़का लाई थी।
में भी रोया फूट फूट कर, मोहल्ला पूरा मौन था।
मम्मी के पेट से निकला, ये छोटा चमगादड़ कोन था।
पर मजे की बात तो ये थी, ताड़का बिना दांत के हस्ती थी।
फिर जब रोती थी तो, सिर्फ पे पे पे पे करती थी।
ये छोड़ो बचपन की बातें ,अब वो मर्दानी छोरी है।
घर में मेरे चार लोग हैं ,सब को लाइन पे ले री है।
आज जन्मदिन आया फिर से, लड़की बन गई हाई फाई।
गिफ्ट में ये poem लाया, जन्मदिन की बहुत बधाई।