प्यारा हिन्दुस्तान है
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।
जिसकी माटी के कण कण से, निकले गंध महान है।।
हीरा मोती सोना चांदी, भरे अकूत भण्डार है।
सोने की चिडि़या कहता है, सारा ये संसार है।।
हरी भरी वादी भी इसकी, कश्मीर केशर की प्यारी।
जंगल जंगल फूल खिला है, महिमा जिसकी है भारी।।
पेड़ नाचने लगता है जहां, परवत करता गान है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।
हिन्दू मुश्लिम सिक्ख इसाई, सब मिलकरके रहते है।
दर्द एक को होता है तो, दर्द सभी मिल सहते है।।
देश के खातिर मर मिटने को, हरदम हर तैयार है।
संकट पड़ने पर लड़ने को, जाते सीमा पार है।।
जान गंवाने देश पे अपनी, माने जो सम्मान है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।
तकनीकी में सतत अनवरत, कदम बढ़ताा देश है।
दुनिया के कानों में अब तो, पहुंच गया संदेश है।।
कोई न होगा हमसे बढ़कर, लगता मेरे खयालों से।
प्रखर प्रतिभा निखर रही है, भारत मां के भाल से।।
दिन दूनी उन्नति कर रहा, देश का जो विज्ञान है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।
लालबहादुर और गांधी जी, और जवाहरलाल जी।
सुभाष भगतसिंह तात्याटोपे, और विपिनचन्दपाल जी।।
रानी अवन्ती, लक्ष्मीबाई , सिंहनी के अवतार थे।
लोकमान्य, आजाद, प्रसाद, भारत के करतार थे।।
भारत मां की कोख से जन्मे, थे देने को प्राण है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।
रवीन्द्रनाथ, विवेकानन्द, रामकृष्ण जो परमहंस।
प्रतिभापाटिल, इंदिरागांधी, इस धरती के ही है अंश।।
सूर, कबीर, मीरा, तुलसी, प्रेमचन्द और महादेवी।
हरिवंश, प्रसाद, सूर्यकांत निराला, ये हिंदी के थे सेवी।।
अमिताभ, सचिन का नाम जहां में, और शाहरूख खान है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।
नानक के उपदेश ने ही तो,इस जग को अभिभूत किया।
बुद्ध, महावीर ने आकरके, प्रेम करूणा दान किया।।
काशी, प्रयाग, अयोध्या में तो, चारों तीरथ धाम है।
मथुरा, वृंदावन की महिमा, गाना अपना काम है।।
अवतार यहां श्रीराम कृष्ण का, लोकपाल भगवान है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।
ताजमहल ने विश्वजगत में, बेताज नमूना दिखलाया।
खजुराहो के बुत ने जग मे, अपना परचम लहराया।।
सांची के स्तूप देख लो, दिल्ली में अक्षय धाम है।
कलकत्ता का बिज हावड़ा, संगम अलाहाबाद है।।
पावन भूमि भारतभूमि, रज माथे की शान है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।
गुजरात भुजा और अरूणाचल है, सिर जिसका कश्मीर है।
हिमालय जो अचल खड़ा, दुश्मन को देने चीर है।।
माथ झुकाकर वन्दन करता, सागर पांव पखार रहा।।
तीन दिशाओं से रक्षा का, खुद को जिम्मेदार कहा।।
गौरव गाथा इसकी गालो, मन में लगालो ध्यान है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।
इस धरती के वीरों ने, भारत माता को मान दिया।
प्राण लुटाकर के रक्षा की, जीवन का बलिदान दिया।।
अनाचार की आग की लपटे, आज नहीं जलने देगें।
कसम तूझे है तेरी मां की, सांप नहीं पलने देगें।।
राणा सांगा से सीखो तुम, क्या होता बलिदान है।
आओ प्यारे मिलकर गावो, प्यारा हिन्दुस्तान है।।