प्यारा भारत
देश नहीं सभ्यता है
विश्व का अध्यात्म पिता है
जो सदियों से जागृत है अनवरत
मेरा प्यारा देश, मेरा भारत
ज्ञान की बात हो या संस्कारों की
सम्मान देने की या अधिकारों की
जगत गुरु जगत पिता है शाश्वत
मेरा प्यारा देश, मेरा भारत
सबको खुले दिल से अपनाते है
इंसान तो क्या, पेङ भी पूजे जाते हैं
वरदान है प्रकृति का जिस पर
मेरा प्यारा देश, मेरा भारत
चित्रा बिष्ट
(मौलिक रचना)