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23 Feb 2017 · 1 min read

**प्यारा बछड़ा**

आज वर्षों बाद
गौशाला में मेरे ,छाई है खुशियां
क्योंकि सुन्दर सा बछड़ा जो दी,
मेरी भोली-भाली गईया,
मन मेरा भी हो गया उतावला,
सोच नाम रखूँ,गोलू,भोलू या फिर क्या-क्या ?
खुश हो गयी थी,बहुत ही गईया भी,
क्योंकि वो भी पहली बार बनी थी मैया जी,
है बछड़ा बहुत ही प्यारा,
रंग उसका हैं पूरा काला,
पर माथे के बीच है,
रंग उसका हल्का सा उजला,
ऐसा लगता,मानो जैसे ,
धारण किया हो श्वेत चन्दन का टीका,
पूँछ उसकी है लंबी,नैन भी है बड़े-बड़े
पैर उसका हष्ट-पुष्ट,कान भी है खड़े-खड़े,
सबकुछ उसका ऐसा लगता,मानो,
जैसे सांचों में हैं ढला हुआ,
जन्म तो लिया वो बन कर बछड़ा,
पर मैने है दिया उसे, अपने छोटे भाई सा दर्जा,
अब तो दूध की भी बहेगी,मेरे घर में नदियां,
“राहुल” कर रहा आमंत्रित आप सबको भी,
शामिल होने को मेरी खुशियों में सुन लो
ओ मेरी सखिया……..
@@@@@@@@राहुल श्रीवास्तव

Language: Hindi
742 Views
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