Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2023 · 1 min read

पौधे दो हरगिज नहीं, होते कभी उदास

पौधे दो होते नहीं, हरगिज कभी उदास ।
पहला निश्चल प्रेम है, दूजा दृढ़ विश्वास।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 323 Views

You may also like these posts

*शिशुपाल नहीं बच पाता है, मारा निश्चित रह जाता है (राधेश्याम
*शिशुपाल नहीं बच पाता है, मारा निश्चित रह जाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
Oh life ,do you take account!
Oh life ,do you take account!
Bidyadhar Mantry
उड़ गया दिल वहां से
उड़ गया दिल वहां से
Shinde Poonam
मुनव्वर राना
मुनव्वर राना
Dr. Kishan tandon kranti
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
Rj Anand Prajapati
तेरा ज़िक्र
तेरा ज़िक्र
Sakhi
दबी दबी आहें
दबी दबी आहें
Shashi Mahajan
आख़िरी ख़्वाहिश
आख़िरी ख़्वाहिश
Dipak Kumar "Girja"
जाने क्या छुटा रहा मुझसे
जाने क्या छुटा रहा मुझसे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हर सफर आसान होने लगता है
हर सफर आसान होने लगता है
Chitra Bisht
आज जो तुम तन्हा हो,
आज जो तुम तन्हा हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
सरिता
सरिता
Vivek Pandey
दोहा सप्तक. . . . जिन्दगी
दोहा सप्तक. . . . जिन्दगी
sushil sarna
जेल डायरी (शेर सिंह राणा)
जेल डायरी (शेर सिंह राणा)
Indu Singh
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
पूर्वार्थ
संसार मेरे सपनों का
संसार मेरे सपनों का
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ममता का सागर
ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
शिक्षक पर दोहे
शिक्षक पर दोहे
sushil sharma
दौर - ए - कश्मकश
दौर - ए - कश्मकश
Shyam Sundar Subramanian
*बिखरा सपना  संग संजोया*
*बिखरा सपना संग संजोया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गोपियों का विरह– प्रेम गीत
गोपियों का विरह– प्रेम गीत
Abhishek Soni
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
Shubham Pandey (S P)
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
जरूरी तो नही
जरूरी तो नही
Ruchi Sharma
मेरे भीतर मेरा क्या है
मेरे भीतर मेरा क्या है
श्रीकृष्ण शुक्ल
4085.💐 *पूर्णिका* 💐
4085.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
कवि रमेशराज
सहानुभूति
सहानुभूति
Rambali Mishra
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...