पोथी- पुस्तक
शीर्षक-पोथी-पुस्तक
पोथी,पुस्तक,ग्रंथ,किताब
रखती मैं सबका हिसाब।
इतिहास मुझमें ही समाया
नर को मैंने इंसान बनाया।
होगे जब-जब तुम विमुख
सहयोग मेरा तुम पाओगे।
आत्मसात करके हृदय में
असीम ज्ञान तत्व पाओगे।
प्रेक्षण यदा करोगे तुम
ज्ञान-चक्षु मिल जायेंगे।
नि:स्वार्थ पर सेवा का
आत्म-ज्ञान दे जायेंगे।
लोककथा की महक मुझमें
संतों की अमृतवाणी मुझमें।
महापुरुषों का जीवन परिचय
महाभारत की सीख मुझमें।
वेदों का तुम सार समझना
भगवद्गीता का कर्म ज्ञान।
मर्यादा पुरषोत्तम राम का
कर लेना तुम अल्प ध्यान।
देना मुझको तुम सम्मान
करना तुम हरदिन प्रणाम।
शब्द-शब्द पढ़ना मुझको
बन जायेंगे बिगड़े काम।
मेरे अनुशीलन अध्ययन से
तुम विद्व पुरुष बन जाओगे।
दया,करुणा,परोपकार द्वारा
तुम सर्वत्र पूजे जाओगे।
डॉ.निशा नंदिनी भारतीय
तिनसुकिया असम