Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2018 · 1 min read

पैसे

पैसो की कारीगरी देखी हमने,
रिस्तो को बनते बिगड़ते देखा हमने।
भटकते हुए उन युवाओ को,
डिग्री के बोझ से डगमगाते देखा हमने।
किस्मत को न मानने वालो को भी,
किस्मत को मानते देखा हमने।
समय ने न जाने कितनो को,
अपना गुलाम बना डाला।
समय का नाम ले,
हस्ते रट देखा हमने।

Language: Hindi
213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Loading...