पैसा
नहीं सोना
“पैसों के ढेर” पर,
बस यूँही
करते रहना है कर्म मुझको,
जीने की ख्वाहिश तो
रखते हैं जनाब,
मगर चन्द सिक्कों की खातिर
नहीं मरना मुझको।
अरुणा डोगरा शर्मा
नहीं सोना
“पैसों के ढेर” पर,
बस यूँही
करते रहना है कर्म मुझको,
जीने की ख्वाहिश तो
रखते हैं जनाब,
मगर चन्द सिक्कों की खातिर
नहीं मरना मुझको।
अरुणा डोगरा शर्मा