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4 Jul 2021 · 1 min read

पैसा और रिश्ता

मेरा रूप ,रंग ,लिबाज़ देखकर तुम गंवार कहते हो।
अरे तुम तो केवल पैसे को ,परवर दिगार कहते हो।
चंद पैसों के खातिर तुमने गँवा दिए हैं कितने रिश्ते,
फिर भी अपने आप को बहुत समझदार कहते हो।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
248 Views
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