पैसा और ज़रूरत
कितना भी पैसा होगा पास तेरे
नहीं ख़रीद पाएगा तू सुकून उससे
ख़रीद लेगा आलीशान मकान
मगर नहीं बना पाएगा घर उससे
पैसे से कुछ भी खरीद सकते हो
ऐसी गलतफहमी में मत रहना
ख़रीद लोगे महँगा बिस्तर तो तुम
नींद भी ख़रीदोगे इस गफ़लत में मत रहना
स्वास्थ्य बीमा तो करा लोगे तुम
अच्छी सेहत पैसे से नहीं ख़रीद पाओगे
दवा तो ख़रीद लोगे कितनी भी महँगी
मौत से तो फिर भी एक दिन हार जाओगे
घूम आओगे सारा संसार तुम
फिर भी चैन नहीं पाओगे
छोड़ दोगे फिक्र पैसे की जब
तभी तुम चैन से सो पाओगे
जितना भी पैसा होगा रह जाएगा यहीं
वहाँ तो तुम भी ख़ाली हाथ ही जाओगे
कफ़न कितना भी महँगा ओढ़ा होगा
आख़िर में तुम भी जला ही दिये जाओगे
है पैसा भी ज़रूरी लेकिन इतना भी नहीं
चाहिए बस इतना जीवन की ज़रूरतें पूरी हो
पैसे की ज़रूरत ज़िंदगी जीने के लिए है बस
पैसे के पीछे इतने भी न पड़ो की ये ज़िंदगी अधूरी हो।