पैरोडी
चल दिए माँ के मढ़ुलिया ओए क्या बात हो गयी !
भक्तो की माँ शारद से मुलाक़ात हो गयी !!
लंगड़ लूले स्वयं को ही भूले ,
चढ़े बिना झूले जय बोले !!
माँ की ममता का यारो क्या कहना ,
दिल से अर्पण करू चुनरी गहना !!
जो भी आये द्वारे ख़ुशी बरसात हो गयी !
भक्तो की माँ शारद से मुलाक़ात हो गयी !!
पूरी हो मागे बिना मेरे मागे ,
बाधे कच्चे धागे अभागे !!
माँ जुगनू की गल्ती छमा करना ,
माँ मुस्किल है महिमा बयां करना !!
माँ तेरे चरण छुआ तो करामात हो गयी !
भक्तो की माँ शारद से मुलाक़ात हो गयी !!
मैंने माँ को माना मुझे जग जाना ,
वाह वाह कहता ज़माना !!
माँ तेरी कृपा से खड़ा हू मै ,
खुद ना जानू कि कितना बड़ा हू मै !!
तुलसी मीरा के जैसी मेरी औकात हो गयी !
भक्तो की माँ शारद से मुलाक़ात हो गयी !!