Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2022 · 1 min read

पैंसा

पैसों का मतलब होता हैं विकास , होशियार।
शुद्ध रूप में प्रचलित है आज |
पैसों वालों का हमेशा रहा हैं ठाठ
बिन पैसे के भूखे,नंगे,भिगमंगे हम ।
सबसे बड़ा हकीकत है ।
दरिद्रता अभिशाप, दु:ख,लाज है।
हकीकत दुनिया में, जीना चाहा हकीकत में,
खोखला पन ही मिला मुझे ।
नजदीकियों से मिला जख्म ही मुझे,
मेरे सीधेपन को बुद्दूपन समझा जाने लगा ,
कदर कहाँ उसकी,जहाँ ना हो चालाकी, रिश्तों की आड़ में,
पैसों के प्यार में (लेन – देन ) में, पैसों के लेन-देन में,
गुजर जाती हैं जिंदगी।
सबसे बड़ा कमजोर है।
जो नतमस्तक ईश्वर के आगे हर रोज है।
कहते हैं,इसे ढोंग है।जैसी भावना वैसी कामना।
फर्क करते अगर नजर होते।

_डॉ. सीमा कुमारी , बिहार (भागलपुर)
ये मेरी स्वरचित रचना है जो 7-I -021 की हैं जिन्हें आज प्रकाशित कर रही हूं।

Language: Hindi
221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
Ashwini sharma
दोहे
दोहे
Suryakant Dwivedi
तुमसे मोहब्बत है
तुमसे मोहब्बत है
Dr. Rajeev Jain
फितरत
फितरत
Akshay patel
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
बूथ तक जाना वोटर्स की ड्यूटी है। वोटर्स के पास जाना कैंडीडेट
बूथ तक जाना वोटर्स की ड्यूटी है। वोटर्स के पास जाना कैंडीडेट
*प्रणय*
बारह ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग
सत्य कुमार प्रेमी
पुरुष हूँ मैं
पुरुष हूँ मैं
singh kunwar sarvendra vikram
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
कवि दीपक बवेजा
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
*मेरा आसमां*
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हुनर से गद्दारी
हुनर से गद्दारी
भरत कुमार सोलंकी
त्याग की देवी- कोशी
त्याग की देवी- कोशी
Dr. Kishan tandon kranti
I think she had lost herself
I think she had lost herself
VINOD CHAUHAN
मेरी डायरी के पन्नों मे
मेरी डायरी के पन्नों मे
Saraswati Bajpai
मोहब्बत में कब तक रुलाते रहेंगे।
मोहब्बत में कब तक रुलाते रहेंगे।
Phool gufran
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4336.*पूर्णिका*
4336.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये ईश्वर की दया-दृष्टि ही तो है
ये ईश्वर की दया-दृष्टि ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
Sonam Puneet Dubey
थोड़ी मैं, थोड़ा तुम, और थोड़ी सी मोहब्बत
थोड़ी मैं, थोड़ा तुम, और थोड़ी सी मोहब्बत
Ranjeet kumar patre
* प्यार का जश्न *
* प्यार का जश्न *
surenderpal vaidya
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
Jitendra Chhonkar
घमंड करू भी तो किस बात का,
घमंड करू भी तो किस बात का,
पूर्वार्थ
ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
Neelofar Khan
Deceased grandmother
Deceased grandmother
Tharthing zimik
नाजुक -सी लड़की
नाजुक -सी लड़की
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मेरे भी दिवाने है
मेरे भी दिवाने है
Pratibha Pandey
Loading...