पेड़ है नाम मेरा पेड़ों की मैं बाते करता ,
पेड़ है नाम मेरा
पेड़ों की मैं बाते करता
खुद चाहे जिस हाल में रहू
लेकिन दूसरों कि परवाह मैं हर हाल में करता
मेरी छाव में हर कोई सुकुन पाता
न करता मैं किसी से भेदभाव
तभी तो मै पेड़ कहलाता
चाहे हो, फल सब्जी या हो लकड़ी
दवाई हो,या हो ऑक्सीजन
ये सब मुझसे से ही तो मिलता
पेड़ है नाम मेरा
पेड़ों की मै बाते करता
पहले तो मै खुश रहता था
लेकिन अब मै खुश नही रहता
हर कोई बस मुझे है काटता
क्यो नही कोई मुझे बचाता
क्या मेरे बिन रह पाओगे
बिन ऑक्सीजन के जी पाओगे
अगर चाहते हो पेड़ों को बचाना
तो बेवजह न पेड़ों को काटना
हो सके तो पेड़ लगाना
पेड़ है नाम मेरा
पेड़ों की मै बाते करता।
श्री रावत ,,,,,